भारत के शेयर बाजार (Indian Stock Market) में मंगलवार का दिन निवेशकों के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा। Stock Market News के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) द्वारा अचानक लगाए गए 25% एक्स्ट्रा टैरिफ के फैसले से भारतीय बाजारों में हड़कंप मच गया। इस एक फैसले ने निवेशकों की जेब से करीब 5.63 लाख करोड़ रुपए साफ कर दिए।
सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) दोनों में भारी गिरावट देखने को मिली। बीएसई (BSE) का मार्केट कैप लगातार घटता चला गया और केवल तीन कारोबारी दिनों में निवेशकों को लगभग 6.88 लाख करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा।
इस आर्टिकल में हम विस्तार से समझेंगे कि ट्रंप के इस ऑर्डर से भारतीय शेयर बाजार पर इतना बड़ा असर क्यों पड़ा, किन कंपनियों के शेयर सबसे ज्यादा गिरे, इसके पीछे के असली कारण क्या हैं और आगे बाजार का रुख कैसा रहने की संभावना है।
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शेयर बाजार में बड़ी गिरावट – एक नज़र आंकड़ों पर
मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट (Major Fall) दर्ज की गई।
- सेंसेक्स (Sensex): 849.37 अंकों की गिरावट के साथ 80,786.54 पर बंद हुआ।
दिन के कारोबार में यह 949.93 अंकों तक गिर गया और 80,685.98 तक पहुंच गया। - निफ्टी (Nifty 50): 255.70 अंकों की गिरावट के साथ 24,712.05 पर बंद हुआ।
कारोबार के दौरान यह 278.15 अंकों की गिरावट के साथ 24,689.60 तक चला गया।
शुरुआत में रिकवरी की उम्मीद जरूर बनी थी, लेकिन बाजार बंद होने से एक घंटे पहले बिकवाली इतनी तेज हुई कि दोनों प्रमुख इंडेक्स गहरे लाल निशान पर बंद हुए।
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यह stock market news साफ तौर पर बताती है कि निवेशकों का भरोसा कमजोर हुआ है और ग्लोबल पॉलिटिकल फैसलों का भारतीय इक्विटी मार्केट पर सीधा असर दिख रहा है।
किन शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट?-Nifty 50
इस बार की गिरावट में बड़े-बड़े शेयर भी नहीं बच सके।
- रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries): 2% से ज्यादा की गिरावट।
(निफ्टी में तीसरा सबसे बड़ा हिस्सा रखने वाली कंपनी होने के कारण इंडेक्स पर बड़ा असर पड़ा।) - सन फार्मा (Sun Pharma): 3.40% की गिरावट।
फार्मा सेक्टर पर ट्रंप टैरिफ का सीधा दबाव देखने को मिला। - टाटा स्टील (Tata Steel): 3% तक की गिरावट।
स्टील एक्सपोर्ट पर नए टैरिफ से स्टील कंपनियों को बड़ा झटका। - एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक: 0.8% – 1.5% तक की गिरावट।
बैंकिंग सेक्टर में भी निवेशकों ने मुनाफावसूली की। - वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea): 10% तक गिरा।
वजह – सरकार से राहत न मिलने की खबर। - मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयर: क्रमशः 1.6% और 2% तक टूटे।
सिर्फ FMCG सेक्टर में थोड़ी मजबूती दिखी और निफ्टी FMCG इंडेक्स में 0.8% की बढ़त रही।
शेयर बाजार गिरने के प्रमुख कारण | Stock Market News Analysis
1. ट्रंप का नया टैरिफ ऑर्डर
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से जुड़े निर्यात पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने का आदेश जारी किया।
- इससे भारत के निर्यातकों की लागत बढ़ जाएगी और अमेरिका में उनकी प्रतिस्पर्धा कम हो जाएगी।
- यह फैसला आधी रात 12 बजे से लागू हो गया।
2. मुनाफावसूली (Profit Booking)
- पिछले हफ्ते GST सुधारों की उम्मीदों से बाजार में तेजी आई थी।
- निवेशकों ने मौके का फायदा उठाकर मुनाफा बुक किया, जिससे बिकवाली तेज हुई।
3. विदेशी निवेशकों (FII) की बिकवाली
- 25 अगस्त को FIIs ने भारतीय इक्विटी से 2,466 करोड़ रुपए निकाले।
- अगस्त महीने के पहले पखवाड़े में FIIs ने करीब 31,889 करोड़ रुपए की बिकवाली की।
- यह ट्रेंड जारी रहा तो बाजार पर और दबाव पड़ेगा।
4. रुपये में कमजोरी
- रुपया लगातार पांचवें दिन गिरकर 87.68 प्रति डॉलर पर पहुंच गया।
- कमजोर रुपया आयात महंगा करता है और कंपनियों की लागत बढ़ाता है।
- इससे निवेशकों का भरोसा और टूटा।
5. विदेशी बाजारों का असर
- अमेरिका, जापान और यूरोप के शेयर बाजारों में भी गिरावट रही।
- ग्लोबल पॉलिटिकल अनिश्चितताओं ने भारतीय बाजारों को और कमजोर किया।
6. कच्चे तेल की कीमतें
- कच्चा तेल दो हफ्ते के उच्चतम स्तर पर पहुंचा।
- भारत जैसे आयातक देश के लिए यह बड़ी चिंता है।
प्रधानमंत्री मोदी का बयान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कार्यक्रम में कहा कि भारत ट्रंप के टैरिफ का जवाब देगा और इसका देश पर ज्यादा असर नहीं होगा।
हालांकि निवेशकों को यह आश्वासन राहत देने वाला है, लेकिन मार्केट सेंटिमेंट पर तत्काल असर नहीं पड़ा।
निवेशकों का नुकसान – 6 लाख करोड़ से ज्यादा का घाटा
- बीएसई का मार्केट कैप सोमवार को 4,55,02,643.25 करोड़ रुपए था।
- मंगलवार को यह घटकर 4,49,39,255.92 करोड़ रुपए रह गया।
- यानी एक ही दिन में निवेशकों को 5,63,387.33 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
- पिछले तीन दिनों में यह घाटा 6.88 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।
यह आंकड़े दिखाते हैं कि सिर्फ एक राजनीतिक फैसले ने करोड़ों निवेशकों को प्रभावित कर दिया।
आगे क्या होगा? – एक्सपर्ट्स की राय
- शेयर बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अमेरिकी टैरिफ लंबे समय तक लागू रहे तो भारत के निर्यातक सेक्टर पर गहरा असर पड़ेगा।
- खासकर फार्मा, स्टील और टेक्सटाइल कंपनियों को बड़ा झटका लग सकता है।
- रुपया कमजोर होने से FIIs की बिकवाली जारी रह सकती है।
- हालांकि घरेलू निवेशक (DIIs) अभी सपोर्ट कर रहे हैं, लेकिन यह सपोर्ट लंबे समय तक टिकेगा या नहीं, कहना मुश्किल है।
निष्कर्ष
इस समय की सबसे बड़ी Stock Market News यही है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक ऑर्डर ने भारतीय शेयर बाजार को हिला दिया। सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट आई, निवेशकों के 5.63 लाख करोड़ रुपए डूब गए और कई बड़े सेक्टर लाल निशान में चले गए।
हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आश्वासन दिया है कि भारत इसका जवाब देगा और इसका असर ज्यादा दिन नहीं रहेगा, लेकिन निवेशकों की चिंता कम नहीं हुई है।
आगे आने वाले दिनों में ग्लोबल घटनाक्रम, रुपया, विदेशी निवेशकों की गतिविधियां और कच्चे तेल की कीमतें यह तय करेंगी कि भारतीय शेयर बाजार का भविष्य कैसा रहेगा।
निवेशकों को इस समय सतर्क रहने की जरूरत है और जल्दबाजी में बड़े फैसले लेने से बचना चाहिए।
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