भारत में जब भी कोई व्यक्ति बैंक या एनबीएफसी से लोन लेने जाता है, तो सबसे पहले उसकी Cibil Score रिपोर्ट देखी जाती है। यह स्कोर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और भुगतान क्षमता को दर्शाता है। लेकिन अब सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि पहली बार लोन लेने वालों के लिए Cibil Score अनिवार्य नहीं होगा। यानी जिन लोगों के पास क्रेडिट हिस्ट्री नहीं है, वे भी लोन पाने के योग्य होंगे।
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संसद में सरकार का बयान
हाल ही में लोकसभा में मानसून सत्र के दौरान वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों और अन्य ऋणदाताओं को निर्देश दिया है कि केवल कम या शून्य Cibil Score के आधार पर किसी भी व्यक्ति का लोन आवेदन खारिज नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि 6 जनवरी 2025 को जारी RBI के मास्टर डायरेक्शन में यह साफ तौर पर उल्लेख किया गया है कि यदि किसी ग्राहक की क्रेडिट हिस्ट्री नहीं है तो भी उसे लोन देने से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।
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क्या है Cibil Score?
Cibil Score एक तीन अंकों का नंबर होता है, जो 300 से 900 के बीच रहता है। यह आपकी वित्तीय जिम्मेदारी और उधार चुकाने की क्षमता को दर्शाता है। यह स्कोर CIBIL (Credit Information Bureau India Limited) द्वारा तैयार किया जाता है। जितना ज्यादा स्कोर होगा, बैंक और फाइनेंशियल कंपनियां आपको उतना ही विश्वसनीय ग्राहक मानेंगी। आमतौर पर 750 से ऊपर का Cibil Score अच्छा माना जाता है।
स्कोर न होने पर भी मिलेगा लोन
सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि RBI ने किसी भी न्यूनतम Cibil Score की शर्त नहीं रखी है। यानी यदि किसी व्यक्ति का स्कोर 600 है या बिल्कुल 0 है, तो भी उसका आवेदन केवल इसी आधार पर खारिज नहीं किया जाएगा। बैंक अब ग्राहक की संपूर्ण वित्तीय स्थिति, आय, मौजूदा कर्ज, नौकरी की स्थिरता और चुकाने की क्षमता देखकर लोन का निर्णय लेंगे।
ड्यू डिलिजेंस की होगी जांच
हालांकि सरकार ने कहा है कि Cibil Score जरूरी नहीं है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि जांच नहीं होगी। बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे हर ग्राहक की पृष्ठभूमि की पूरी तरह से जांच करें। इसमें लोन लेने वाले के पिछले वित्तीय व्यवहार, पुराना कर्ज, भुगतान में हुई देरी, सेटल किए गए लोन और बंद हुए खातों की जानकारी शामिल होगी। इसे “ड्यू डिलिजेंस” कहा जाता है, जो हर लोन प्रक्रिया का अहम हिस्सा है।
Cibil Score रिपोर्ट की कीमत
कई बार लोग शिकायत करते हैं कि Cibil Score रिपोर्ट निकालने के लिए कंपनियां ज्यादा शुल्क वसूलती हैं। इस पर भी सरकार ने स्थिति साफ की है। वित्त मंत्री ने कहा कि कोई भी क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनी (CIC) ₹100 से ज्यादा शुल्क नहीं ले सकती। इसके अलावा RBI ने यह भी निर्देश दिया है कि हर व्यक्ति को साल में एक बार अपनी पूरी क्रेडिट रिपोर्ट इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में मुफ्त दी जाएगी। यह नियम 1 सितंबर 2016 से लागू है।
पहली बार लोन लेने वालों के लिए राहत
त्योहारी सीजन में अक्सर लोग घर, गाड़ी या अन्य जरूरतों के लिए लोन लेने का सोचते हैं। लेकिन जिनके पास Cibil Score नहीं होता, वे अब तक परेशान रहते थे कि बैंक उन्हें लोन नहीं देगा। नए नियम के बाद पहली बार लोन लेने वालों को यह चिंता नहीं करनी पड़ेगी। अब लोन केवल Cibil Score के आधार पर रिजेक्ट नहीं होगा।
क्यों जरूरी है Cibil Score?
भले ही अब बिना Cibil Score के भी लोन मिल सकता है, लेकिन इसका महत्व कम नहीं हुआ है। यह स्कोर आपकी वित्तीय साख का आईना है। अगर किसी का स्कोर 800+ है तो उसे आसानी से और कम ब्याज दर पर लोन मिल सकता है। वहीं कम स्कोर वालों को या तो ज्यादा ब्याज देना पड़ता है या फिर लिमिटेड लोन मिलता है। इसलिए अच्छी क्रेडिट हिस्ट्री बनाए रखना अब भी जरूरी है।
Cibil Score सुधारने के आसान तरीके
- समय पर क्रेडिट कार्ड और ईएमआई का भुगतान करें।
- एक साथ बहुत ज्यादा लोन आवेदन न करें।
- क्रेडिट लिमिट का उपयोग 30-40% से ज्यादा न करें।
- पुराने लोन या कार्ड का अकाउंट बंद करने से बचें।
- अपनी क्रेडिट रिपोर्ट साल में एक बार जरूर जांचें।
इन आदतों से आप धीरे-धीरे अपना Cibil Score बेहतर बना सकते हैं और भविष्य में आसानी से लोन प्राप्त कर सकते हैं।
निष्कर्ष
सरकार का यह फैसला पहली बार लोन लेने वालों के लिए बड़ी राहत है। अब केवल Cibil Score न होने की वजह से कोई भी लोन से वंचित नहीं होगा। हालांकि, ड्यू डिलिजेंस और ग्राहक की भुगतान क्षमता को ध्यान में रखकर ही लोन मंजूर किया जाएगा।
इसका मतलब यह है कि Cibil Score भले ही अब लोन की पहली शर्त न हो, लेकिन अच्छी क्रेडिट हिस्ट्री और मजबूत स्कोर आपके लिए बेहतर विकल्प और सस्ती ब्याज दरें लाने में मदद करेंगे। इसलिए जिम्मेदारी से वित्तीय लेन-देन करना हर किसी के लिए जरूरी है।
अस्वीकरण :
इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता (General Information) के उद्देश्य से प्रस्तुत की गई है। यहां बताई गई जानकारियां विभिन्न समाचार रिपोर्ट्स, सरकारी बयानों और वित्तीय स्रोतों पर आधारित हैं। यह किसी भी तरह से वित्तीय सलाह (Financial Advice) नहीं है। लोन, निवेश या अन्य वित्तीय निर्णय लेने से पहले हमेशा अपनी स्थिति को ध्यान में रखते हुए योग्य वित्तीय सलाहकार (Financial Advisor) या संबंधित बैंक/संस्था से परामर्श अवश्य करें। वेबसाइट या लेखक किसी भी प्रकार के लाभ-हानि, विवाद या निर्णय के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।
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