Bihar News में इस वक्त सबसे बड़ी खबर सामने आई है – बिहार में मतदाताओं की संख्या में 65 लाख से अधिक की कटौती। चुनाव आयोग द्वारा विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के तहत जारी किए गए पहले ड्राफ्ट में यह चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है। राज्य के 38 जिलों में वोटर लिस्ट का गहन विश्लेषण किया गया, जिसमें मृत मतदाताओं, स्थानांतरित लोगों और डुप्लीकेट एंट्री की पहचान की गई है।
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इस रिपोर्ट में जानिए किन जिलों में कितनी संख्या में वोटर कम हुए हैं, इस प्रक्रिया का क्या असर होगा, और Bihar News में क्यों यह मुद्दा सबसे ज्यादा चर्चा में है।
65 लाख से अधिक वोटर लिस्ट से बाहर – जानिए क्यों?
चुनाव आयोग द्वारा जारी SIR ड्राफ्ट के मुताबिक:
- 22.34 लाख मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी है।
- 36.28 लाख मतदाता या तो स्थायी रूप से दूसरी जगह चले गए हैं या उनका कोई पता नहीं है।
- 7.01 लाख वोटर ऐसे हैं, जो एक से अधिक स्थानों पर पंजीकृत पाए गए।
इस वजह से राज्य में कुल वोटरों की संख्या 7,89,69,844 से घटकर 7,24,05,756 हो गई है।
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Bihar News के अनुसार, इस बदलाव के बाद अब एक महीने तक आपत्तियां और दावे दर्ज कराने का मौका मिलेगा। इसके बाद 1 सितंबर को फाइनल वोटर लिस्ट जारी की जाएगी।
किन जिलों में सबसे ज्यादा वोटर हुए कम?
पटना – करीब 4 लाख वोटर कम
बिहार की राजधानी पटना में 3,95,000 मतदाताओं की संख्या कम हुई है। SIR से पहले यहां कुल 50,74,694 वोटर थे, जो अब घटकर 46,15,694 रह गए हैं। पटना में विधानसभा की 14 सीटें हैं, जो बिहार में सबसे ज्यादा हैं।
पूर्वी चंपारण – 3.15 लाख वोटर घटे
Bihar News के अनुसार पूर्वी चंपारण में पहले 36,88,485 वोटर थे, जो अब घटकर 33,73,055 हो गए हैं। यहां 12 विधानसभा सीटें हैं और यह जिला राज्य के सबसे बड़े जिलों में शामिल है।
पूर्णिया – 2.73 लाख की गिरावट
पूर्णिया जिले में पहले 22,68,431 मतदाता थे, जो अब घटकर 19,95,811 हो गए हैं। यानी 2,73,620 वोटरों की कमी हुई है। पूर्णिया से पप्पू यादव सांसद हैं और यह इलाका राजनीतिक रूप से काफी अहम माना जाता है।
वैशाली, समस्तीपुर और सारण – भी नहीं बचे
वैशाली – 2.25 लाख की कमी
वैशाली जिले में 26,74,245 से घटकर वोटर संख्या 24,48,292 हो गई है। यानी 2,25,953 मतदाता लिस्ट से बाहर हो गए हैं। यह जिला तेजस्वी यादव की विधानसभा सीट राघोपुर के कारण चर्चित रहता है।
समस्तीपुर – 2.84 लाख वोटर कम
Bihar News में समस्तीपुर भी सुर्खियों में है। यहां 31,45,370 से घटकर 28,61,135 वोटर बचे हैं। यानी 2,84,235 की कमी हुई है। यह तेज प्रताप यादव का क्षेत्र है।
सारण – 2.73 लाख वोटर कम
सारण जिले में 31,34,108 से घटकर 28,60,885 वोटर बचे हैं। यहां 10 विधानसभा सीटें हैं और यह जिला लालू यादव का राजनीतिक गढ़ माना जाता है।
अन्य जिलों में भी भारी कमी
- पश्चिम चंपारण – 1.91 लाख वोटर कम हुए हैं। पहले 27,60,990 थे, अब 25,69,614।
- लखीसराय – 48,824 की कमी के साथ वोटरों की संख्या 7,35,600 रह गई है।
Bihar News में इन आंकड़ों का जिक्र यह दिखाता है कि राज्यभर में वोटर लिस्ट को दुरुस्त करने की प्रक्रिया कितनी गहन रही है।
विधानसभा सीटों और पोलिंग बूथ का ब्योरा
SIR ड्राफ्ट लिस्ट में बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों और 90,817 पोलिंग बूथों का डेटा शामिल किया गया है। यह ड्राफ्ट आने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी का अहम हिस्सा है।
क्या कहती है चुनाव आयोग की गाइडलाइन?
चुनाव आयोग ने साफ कहा है कि अब नागरिक एक महीने तक दावे और आपत्तियां दर्ज कर सकते हैं। अगर किसी वैध मतदाता का नाम गलती से हट गया है, तो वह दस्तावेज़ों के साथ आवेदन कर सकता है। इसके बाद 1 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी।
राजनीतिक असर और चर्चा
Bihar News में यह खबर इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि आगामी चुनावों में यह साफ करेगा कि किस इलाके में किस पार्टी का वोट बैंक कितना मजबूत है। पूर्वी चंपारण, पूर्णिया, पटना और सारण जैसे जिले आरजेडी, कांग्रेस, और जेडीयू जैसी पार्टियों के गढ़ माने जाते हैं। ऐसे में वोटर की संख्या में कमी इन दलों के लिए सिरदर्द बन सकती है।
निष्कर्ष
Bihar News के इस सबसे बड़े अपडेट में यह साफ हो गया है कि राज्य में वोटर लिस्ट को लेकर एक बड़ा सुधार चल रहा है। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी, फर्जी वोटिंग रुकेगी और चुनाव प्रक्रिया ज्यादा निष्पक्ष बनेगी। हालांकि, इस प्रक्रिया के दौरान जिन असली वोटरों के नाम कटे हैं, उन्हें समय रहते सुधार करवाना बेहद ज़रूरी है।
आखिरकार, एक सशक्त लोकतंत्र की नींव एक सही और अपडेटेड वोटर लिस्ट पर ही टिकी होती है।
Bihar News में आने वाले दिनों में यह मुद्दा और भी गहराई से चर्चा का विषय बनेगा।