Weather Update: हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश से बिगड़े हालात, 9 जिलों में यैलो अलर्ट

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हिमाचल प्रदेश में इस समय weather update लगातार सुर्खियों में है क्योंकि राज्य के कई जिलों में भारी बारिश और प्राकृतिक आपदाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। रविवार को राजधानी शिमला सहित कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई, वहीं ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी से मौसम और ठंडा हो गया। मौसम विभाग ने सोमवार को weather update in Himachal Pradesh के तहत राज्य के 9 जिलों – ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर – में यैलो अलर्ट जारी किया है। हालांकि चम्बा, किन्नौर और लाहौल-स्पीति में फिलहाल कोई अलर्ट नहीं है।

हिमाचल में बारिश और बर्फबारी का असर-weather update

पिछले 24 घंटों में Himachal Pradesh weather में हलचल बनी रही। शिमला में 0.7 मिमी, नाहन में 5.2 मिमी, केलांग में 1 मिमी, नारकंडा में 9.5 मिमी और सिरमौर के पच्छाद में सर्वाधिक 40 मिमी बारिश दर्ज की गई। मनाली में 24 मिमी, नयना देवी और धौलाकुआं में 16-16 मिमी, जबकि भरवीं में 14 मिमी बारिश रिकार्ड हुई। इससे साफ है कि मानसून की रफ्तार थोड़ी धीमी जरूर हुई है, लेकिन कई क्षेत्रों में अभी भी मौसम बिगड़ा हुआ है।

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बंद सड़कें और यातायात प्रभावित

लगातार हो रही बारिश से Himachal Pradesh की सड़कें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, रविवार तक 2 राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) और 824 संपर्क मार्ग बंद रहे।

  • कुल्लू जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है, जहां एनएच-03 और एनएच-305 बंद हैं और 225 सड़कें अवरुद्ध हैं।
  • मंडी में 191, शिमला में 146, चम्बा में 88, कांगड़ा में 44 और सिरमौर में 36 सड़कें बंद हैं।

इससे यातायात पूरी तरह ठप्प हो गया है। खासतौर पर सेब सीजन के समय सड़कें बंद होने से बागवानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। शिमला के रोहड़ू, कोटखाई और कुमारसैन क्षेत्रों में दर्जनों मार्ग बंद हैं, जिससे सेब की खेप समय पर मंडियों तक नहीं पहुंच पा रही।

बिजली और पानी की आपूर्ति पर संकट

भारी बारिश से बिजली और पानी की सप्लाई भी प्रभावित हुई है।

  • प्रदेश में कुल 1480 ट्रांसफार्मर ठप्प हो गए हैं, जिनमें से अकेले कुल्लू में 811 ट्रांसफार्मर खराब हैं।
  • मंडी में 202, चम्बा में 171, शिमला में 145 और लाहौल-स्पीति में 142 ट्रांसफार्मर बंद हैं।
  • इसके अलावा 336 पेयजल योजनाएं प्रभावित हैं, जिनमें शिमला की 130, मंडी की 79, कुल्लू की 63 और चम्बा की 42 योजनाएं शामिल हैं।

जन-धन का भारी नुकसान

इस मानसून सीजन में अब तक 366 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 41 लोग लापता और 426 घायल हुए हैं।

  • मंडी में 59, कांगड़ा में 50, चम्बा में 43, शिमला में 39, कुल्लू में 38, किन्नौर में 28, सोलन में 26, ऊना में 22, बिलासपुर व सिरमौर में 18-18, हमीरपुर में 16 और लाहौल-स्पीति में 9 मौतें दर्ज हुई हैं।
  • इसके अलावा 1991 पशुओं और 26 हजार से अधिक पोल्ट्री पक्षियों की मौत हो चुकी है।
  • अब तक 6271 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 1194 पूरी तरह ढह गए।
  • 460 दुकानें और 5284 पशुशालाएं भी धराशायी हो गई हैं।

प्रारंभिक आकलन के अनुसार सार्वजनिक संपत्ति को लगभग 4080 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इसमें लोक निर्माण विभाग को 2743 करोड़, जल शक्ति विभाग को 2518 करोड़ और ऊर्जा विभाग को 139 करोड़ का नुकसान हुआ है।

प्राकृतिक आपदाओं का सिलसिला जारी

Weather in Himachal सिर्फ बारिश तक ही सीमित नहीं है, बल्कि प्राकृतिक आपदाओं ने भी हालात बिगाड़ दिए हैं।

  • अब तक 136 भूस्खलन, 95 फ्लैश फ्लड और 45 बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं।
  • लाहौल-स्पीति सबसे ज्यादा प्रभावित है, जहां 28 भूस्खलन और 56 फ्लैश फ्लड हुए हैं।
  • वहीं मंडी जिला बादल फटने की घटनाओं में सबसे आगे है, जहां 19 घटनाएं दर्ज की गई हैं।

आगे का मौसम

मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि मंगलवार से किसी भी तरह का अलर्ट जारी नहीं किया गया है। इससे संकेत मिलता है कि आने वाले दिनों में मानसून की गति थोड़ी धीमी पड़ सकती है। हालांकि ऊंचाई वाले क्षेत्रों और संवेदनशील इलाकों में लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

निष्कर्ष

यह ताज़ा weather update साफ दिखाता है कि Himachal Pradesh weather अभी भी चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। जहां एक ओर बारिश ने किसानों और बागवानों को नुकसान पहुंचाया है, वहीं आम जनता को सड़क, बिजली और पानी की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। राज्य सरकार और प्रशासन लगातार राहत और बचाव कार्यों में जुटा हुआ है, लेकिन प्रकृति की मार से निपटना आसान नहीं है। आने वाले दिनों में हालात कितने सुधरते हैं, यह मानसून की रफ्तार और मौसम विभाग की भविष्यवाणी पर निर्भर करेगा।

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