Independence Day 2025: 14001 सैन्यकर्मियों को मानद रैंक का सम्मान, असाधारण सेवा का गौरव

Independence day 2025

Independence Day 2025 भारत के लिए केवल आज़ादी का जश्न मनाने का दिन नहीं है, बल्कि यह उन सैनिकों को सम्मानित करने का भी अवसर है जिन्होंने देश की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर दिया है। इस साल, स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारतीय सेना ने 14001 सैन्यकर्मियों को मानद रैंक के सम्मान से नवाजा है। इनमें से कुछ सेवारत हैं, तो कुछ सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

Independence Day 2025

आधिकारिक घोषणा

14 अगस्त 2025, Independence Day 2025 की पूर्व संध्या पर रक्षा मंत्रालय ने एक आधिकारिक सूची जारी की, जिसमें उन सैन्यकर्मियों के नाम शामिल थे जिन्हें इस साल मानद रैंक प्रदान की जाएगी। यह सम्मान राष्ट्रपति की ओर से दिया जाता है और सेना नियमन, 1987 के पैरा 177 के तहत प्रदान किया जाता है। यह घोषणा गुरुवार को भारतीय सेना की ओर से एक आधिकारिक नोटिफिकेशन के साथ की गई।

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क्यों दिया जाता है मानद रैंक?

मानद रैंक का सम्मान उन सैन्यकर्मियों को दिया जाता है जिन्होंने अपने सेवाकाल के दौरान असाधारण सेवा, साहस, नेतृत्व और समर्पण का परिचय दिया है। यह न केवल उनके पद का सम्मान बढ़ाता है, बल्कि उनके प्रमोशन, सैलरी और पेंशन पर भी सकारात्मक असर डालता है।
मानद रैंक को भारतीय सेना में एक विशेष उपलब्धि माना जाता है, क्योंकि यह केवल पेशेवर क्षमता ही नहीं, बल्कि चरित्र, अनुशासन और कर्तव्यनिष्ठा का भी प्रतीक है।

Independence Day 2025 पर दिए गए सम्मान का विवरण

1. सेवारत सैन्यकर्मी – कुल 2237

स्वतंत्रता दिवस 2025 के मौके पर 2237 सेवारत सैन्यकर्मियों को मानद रैंक प्रदान किया गया है:

  • मानद कैप्टन – 446
  • मानद लेफ्टिनेंट – 1791

इनमें सेना के विभिन्न कोर्प्स, रेजिमेंट और यूनिट से जुड़े जवान शामिल हैं, जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में बेहतरीन प्रदर्शन किया।

2. सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी – कुल 11764

इस साल, 11764 सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों को भी मानद रैंक प्रदान की गई है:

  • मानद कैप्टन – 1346
  • मानद लेफ्टिनेंट – 515
  • मानद सूबेदार मेजर – 4516
  • मानद सूबेदार – 785
  • मानद नायब सूबेदार मेजर – 4602

ये सम्मान उन पूर्व सैनिकों के योगदान को मान्यता देते हैं जिन्होंने सेवा के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।

मानद रैंक से मिलने वाले लाभ

मानद रैंक सिर्फ एक पदवी नहीं है, बल्कि यह कई व्यावहारिक लाभ भी प्रदान करता है:

  1. पदोन्नति का दर्जा – मानद रैंक मिलने के बाद सैनिक का पद बढ़ जाता है, जिससे उनका दर्जा और सम्मान बढ़ता है।
  2. आर्थिक लाभ – प्रमोशन के साथ वेतन में वृद्धि होती है, और सेवानिवृत्त होने पर पेंशन में भी बढ़ोतरी होती है।
  3. सामाजिक प्रतिष्ठा – यह सम्मान सैनिकों के परिवार और समाज में उनकी प्रतिष्ठा को और बढ़ा देता है।
  4. प्रेरणा का स्रोत – यह आने वाली पीढ़ी के सैनिकों के लिए प्रेरणा का काम करता है कि असाधारण सेवा का हमेशा सम्मान किया जाता है।

ऐतिहासिक परंपरा

स्वतंत्रता दिवस पर मानद रैंक प्रदान करने की परंपरा कई दशकों से जारी है। हर साल, 15 अगस्त से पहले राष्ट्रपति द्वारा यह सम्मान प्रदान किया जाता है। इसका उद्देश्य यह संदेश देना है कि देश अपने सैनिकों के त्याग और समर्पण को कभी नहीं भूलता।

Independence Day 2025 का महत्व

Independence Day 2025 भारत के लिए विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह न केवल आज़ादी के 78 साल पूरे होने का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय सेना की गौरवशाली परंपरा और सैनिकों के साहस को भी उजागर करता है। इस साल 14001 सैनिकों को सम्मानित करना इस बात का प्रमाण है कि देश अपने रक्षकों को उच्चतम स्तर का सम्मान देने के लिए प्रतिबद्ध है।

सेना नियमन, 1987 का पैरा 177

इस मानद रैंक को प्रदान करने का आधार सेना नियमन, 1987 का पैरा 177 है। इसके तहत योग्य सैन्यकर्मियों को मानद लेफ्टिनेंट या जेसीओ (जूनियर कमीशंड ऑफिसर) का पद 15 अगस्त से प्रभावी होता है, बशर्ते उनका अनुशासन रिकॉर्ड अच्छा हो और सेवा के दौरान उनका प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा हो।

नतीजा

Independence Day 2025 पर 14001 सैनिकों को मानद रैंक का सम्मान दिया जाना न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों का उत्सव है, बल्कि यह पूरे देश के लिए गर्व का विषय भी है। यह सम्मान इस बात की याद दिलाता है कि भारत की आज़ादी और सुरक्षा केवल हथियारों से नहीं, बल्कि उन बहादुर सैनिकों की मेहनत, त्याग और समर्पण से सुरक्षित है जो दिन-रात देश की रक्षा में लगे रहते हैं।

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